स्वप्नों के संसार में तैरते हैं कितने-कितने भाव रंग-बिरंगे.
इन्हीं में वे सब हैं
जो बहुत निकट हैं मेरे मन के .
मैं ही हूँ
सबके साथ किसी न किसी
रूप में.
मेरी इन आँखों में झांक कर देखो तो सही
तुम भी हो इन आँखों में तैरते स्वप्नों में.
और पहचान सको तो पहचान लो
मैं ही हूँ यह
सूक्ष्मता से देखो तो सही
और तुम भी हो .
--अशोक लव
Photo:Ashok Lav