Saturday 8 March, 2014

रेडियो द्वारका पर कवि-गोष्ठी में 'लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' कविता

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला-दिवस के अवसर पर रेडियो द्वारका पर आयोजित कवि-गोष्ठी में मैंने 'लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' कविता  का पाठ किया. इस गोष्ठी का आयोजन-संचालन मैंने किया था. मेरे साथ विनीता छाबड़ा और डॉ प्रबोध सागर ने भी कविता -पाठ किया.
इसे इस लिंक पर क्लिक करके सुना जा सकता है.
http://radiodwarka.com/entertainment/kavi-goshti-on-international-womens-day/2080

माँ की स्मृतियाँ / अशोक लव

व्यक्ति के जीवन में नारी की विभिन्न रूपों में अहम भूमिका होती है. इनमें सर्वाधिक महत्त्व माँ का होता है. आज अंतर्राष्ट्रीय महिला-दिवस के अवसर पर माँ की स्मृतियों में डूबना स्वाभाविक था. सहसा अनेक चित्र सामने उभरते रहे.
जब माँ नहीं रहती तब माँ की अनुपस्थिति का अहसास होता है.
बहन-पुत्री-पत्नी के रूप में जीवन में नारी की उपस्थिति इस यात्रा को सुखद बनाती है.