Sunday 31 May, 2009
लहरो कुछ तो कहो / अशोक लव
पाँवों के नीचे आकर
लौट जाती हैं लहरें
नहीं रुकती हैं पल भर के लिए
कितनी उत्सुकता से रहती है प्रतीक्षा ।
दूर से हिचकोले खाती लहर को आते देखकर
उससे बतियाना चाहता है मन
बहुत कुछ पूछना चाहता है मन
-उसके संसार की बातें
-तरह - तरह के रंग बदलते समुद्र की बातें
- ऐसे समुद्र के संग जीवन बिताने की बातें
लहरें हैं कि बस आती हैं
और झट से लौट जाती हैं ।
वह जिस तेज़ी से आती हैं
आभास होता है
आकर बैठेंगी
हाल-चाल बताएँगी
हाल-चाल पूछेंगी
मिलकर बाँटेंगे अपने - अपने अनुभव।
कितना अच्छा लगता है जब
कोई पास आकर बैठता है
अपनत्व का अहसास
अंतर्मन का स्पर्श करता चला जाता है ।
किसी के पास कहाँ है समय
पास आकर बैठने का,
बतियाने का
पूछने -बताने का ।
लहरों के पास भी नहीं है समय
तो फिर क्यों भागती चली आती हैं
क्यों करती हैं मन में अंकुरित
आशाएँ ?
संभवतः
उन्हें आशाओं की टूटन की
अनुभूति नहीं है।
.............................................................
* थाउजेंड ओक्ज़ , कैलीफोर्निया 2 जून 2009
*सर्वाधिकार सुरक्षित
हवाओं की तलाश
सामने पहाड़ है
दिन-रात यूँ ही खड़ा ।
मौसम के साथ रंग बदल लेता है
कभी हरे -भरे पेड़ों की हरियाली ओढ़ लेता है
और कभी धुंध भरे बादलों के पीछे से झांकता है।
धूप खिलती है तो उससे छनकर आती हैं गरम हवाएँ,
और धुंध के पीछे से
शीतल हवाएँ आकर भिगो देती हैं .
हवाओं के संग कितनी - कितनी यादें
गरम-गरम यादें
मन को छू जाती हैं ।
बहुत दूर आ जाने के पश्चात्
इन हवाओं की तलाश रहती है ।
.......................................................
*थाउजेंड ओ़क्स , कैलीफोर्निया
Sunday 24 May, 2009
लॉस एंजल्स : 23 मई 2009
हॉलीवुड लॉस एंजल्स का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है । कल शाम परिवार के साथ यहाँ घूमने गए थे। अनेक भारतीयों को देखकर सुखद लगा था।
२२ मई २००९ की रात इटैलियन रेस्तरां में परिवार के साथ भोजन करने गए थे। पूर्णतया शाकाहारी भोजन मेरी पसंद है। प्याज़ भी नहीं खाने के कारण परिवारजन को असुविधा होती है। कॉफ़ी के साथ ब्रेड का अपना ही आनंद होता है। उन्होंने शाकाहारी इटैलियन भोजन का मज़ा लिया जिसमें बैंगन पर टमाटरों की परत , लहसुन की ब्रेड और नूडल्ज़ थे।
दिल्ली में मई की ४४-४५ डिग्री की गरमी के मध्य जिंदगी बिता दी। यहाँ कैलीफोर्निया के 'थाऊजेंड ओक्ज़ ' नगर में मई महीने में कंपाती सर्दी का आनंद अलग ही था। फाउंटेन की भाप ने बिटिया के द्वारा लिए फोटोग्राफ पर धुंध की परत ही बिछा दी है।
२२ मई २००९ की रात इटैलियन रेस्तरां में परिवार के साथ भोजन करने गए थे। पूर्णतया शाकाहारी भोजन मेरी पसंद है। प्याज़ भी नहीं खाने के कारण परिवारजन को असुविधा होती है। कॉफ़ी के साथ ब्रेड का अपना ही आनंद होता है। उन्होंने शाकाहारी इटैलियन भोजन का मज़ा लिया जिसमें बैंगन पर टमाटरों की परत , लहसुन की ब्रेड और नूडल्ज़ थे।
दिल्ली में मई की ४४-४५ डिग्री की गरमी के मध्य जिंदगी बिता दी। यहाँ कैलीफोर्निया के 'थाऊजेंड ओक्ज़ ' नगर में मई महीने में कंपाती सर्दी का आनंद अलग ही था। फाउंटेन की भाप ने बिटिया के द्वारा लिए फोटोग्राफ पर धुंध की परत ही बिछा दी है।
Saturday 23 May, 2009
चाणक्य ने ठीक कहा है
धर्म तत्परता मुखे मधुरता दाने समुत्साहता
मित्रे अ वंचकता गुरौ विनयतास चितेअपी गंभीरता
आचारे शुचिता गुणे रसिकता शास्त्रेषु विज्ञानता
रूपे सुन्दरता शिवे भजनता सत्हत्रेव संदृश्यते ।
चाणक्य ने सज्जन व्यक्ति के गुणों के सम्बन्ध में कहा है कि वह धार्मिक कार्यों में संलग्न रहता है। वह मधुर बोलता है । वह उत्साहपूर्वक दान देता है। वह मित्रों के प्रति छल-कपट का भाव नहीं रखता । वह गंभीर होता है। उसका आचरण शुद्ध होता है। वह साहित्य का आनंद लेने वाले गुणों से युक्त होता है.वह शास्त्रों का ज्ञाता होता है। उसका रूप सुंदर होता है। वह भगवान शिव का स्मरण करने वाला होता है। वह सत्य का साक्षात् रूप होता है.
*पुस्तक- चाणक्य नीति , संपादक- अशोक लव
मित्रे अ वंचकता गुरौ विनयतास चितेअपी गंभीरता
आचारे शुचिता गुणे रसिकता शास्त्रेषु विज्ञानता
रूपे सुन्दरता शिवे भजनता सत्हत्रेव संदृश्यते ।
चाणक्य ने सज्जन व्यक्ति के गुणों के सम्बन्ध में कहा है कि वह धार्मिक कार्यों में संलग्न रहता है। वह मधुर बोलता है । वह उत्साहपूर्वक दान देता है। वह मित्रों के प्रति छल-कपट का भाव नहीं रखता । वह गंभीर होता है। उसका आचरण शुद्ध होता है। वह साहित्य का आनंद लेने वाले गुणों से युक्त होता है.वह शास्त्रों का ज्ञाता होता है। उसका रूप सुंदर होता है। वह भगवान शिव का स्मरण करने वाला होता है। वह सत्य का साक्षात् रूप होता है.
*पुस्तक- चाणक्य नीति , संपादक- अशोक लव
Wednesday 20 May, 2009
ओज के कवि मित्रवर मनोहर लाल रत्नम को श्रद्धांजलि
स्वर्गीय मनोहर लाल रत्नम के निधन की सूचना आरिफ जमाल ने ईमेल से दी। स्तब्ध रह गया। अमेरिका आने से पूर्व ' खिड़कियों पर टंगे लोग ' लघुकथा - संग्रह के प्रूफ़ लेकर वे मेरे कार्यालय आए थे। छः मई की फ्लाईट थी। उससे पूर्व पुस्तक के अन्तिम प्रूफ़ पढ़ लेने आवश्यक थे । उनका पुत्र अमित कोम्पोसिंग कर रहा था।
उनके साथ लगभग एक घंटे तक बातें हुईं । स्वस्थ लग रहे थे। कहने लगे बुखार रहता है। जांच करवाता रहता हूँ , कुछ नहीं निकलता ।
वे हास्य और ओज के कवि थे। उनका जीवन संघर्षमय रहा।
पत्नी की मृत्यु के पश्चात् वे टूट से गए थे।
वे मित्रता निभाना जानते थे। श्री श्रवण राही की मृत्यु के पश्चात् उन्होंने उनकी स्मृति में आयोजन किए। हमारा संपर्क लगभग ३० वर्ष का था। 'दिल्ली साहित्य समाज ' संस्था की स्थापना करके उन्होंने और भाई अशोक वर्मा ने अनेक साहित्यिक आयोजन किए। दिल्ली साहित्य समाज के आयोजनों ने दिल्ली भर में धूम मचा रखी थी। हमने अनेक आयोजनों में भाग लिया था।
पिछले महीने ही उन्हें ; विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ ' ने ' विद्यावाचस्पति ' की उपाधि से अलंकृत किया था। हमने उन्हें फ़ोन पर बधाई दी थी।
ज़मीन से जुड़े रत्नम जी विनम्र स्वभाव के कवि थे। हिन्दी अकादमी दिल्ली की ओर से आयोजित ' लाल किले ' के कवि सम्मेलनों में उन्होंने भाग लिया था।
आज ही उनके पुत्र से फोन पर बात की है। सांत्वना दी है।
श्री मनोहर लाल रत्नम जी को विनम्र श्रधांजलि !
उनके साथ लगभग एक घंटे तक बातें हुईं । स्वस्थ लग रहे थे। कहने लगे बुखार रहता है। जांच करवाता रहता हूँ , कुछ नहीं निकलता ।
वे हास्य और ओज के कवि थे। उनका जीवन संघर्षमय रहा।
पत्नी की मृत्यु के पश्चात् वे टूट से गए थे।
वे मित्रता निभाना जानते थे। श्री श्रवण राही की मृत्यु के पश्चात् उन्होंने उनकी स्मृति में आयोजन किए। हमारा संपर्क लगभग ३० वर्ष का था। 'दिल्ली साहित्य समाज ' संस्था की स्थापना करके उन्होंने और भाई अशोक वर्मा ने अनेक साहित्यिक आयोजन किए। दिल्ली साहित्य समाज के आयोजनों ने दिल्ली भर में धूम मचा रखी थी। हमने अनेक आयोजनों में भाग लिया था।
पिछले महीने ही उन्हें ; विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ ' ने ' विद्यावाचस्पति ' की उपाधि से अलंकृत किया था। हमने उन्हें फ़ोन पर बधाई दी थी।
ज़मीन से जुड़े रत्नम जी विनम्र स्वभाव के कवि थे। हिन्दी अकादमी दिल्ली की ओर से आयोजित ' लाल किले ' के कवि सम्मेलनों में उन्होंने भाग लिया था।
आज ही उनके पुत्र से फोन पर बात की है। सांत्वना दी है।
श्री मनोहर लाल रत्नम जी को विनम्र श्रधांजलि !
Monday 18 May, 2009
Wednesday 13 May, 2009
अशोक लव : सैंटा मोनिका बीच : कैलिफोर्निया
प्रशांत महासागर के किनारे पर कैलिफोर्निया में ' सैंटामोनिका बीच ' आकर्षण का केन्द्र है। समुद्र की लहरों के मध्य अमेरिकी जीवन शैली की झलक सहसा ही मिल जाती है। भारतीय दृष्टि से देखने पर स्वछंद विचरण करते लोगों को देखकर पहले तो आश्चर्य होता है पर फिर सब सहज लगने लगता है।अपनी - अपनी संस्कृति है। अमेरिकन जीवन को आनंद के साथ जीते हैं । सप्ताह के अंत में भाग-दौड़ की ज़िंदगी की थकावट मिटाने के लिए समुद्र के किनारे उनके आकर्षण बिन्दु हैं। सैंटा मोनिका बीच अत्यन्त सुंदर है.समुद्र की उठती लहरें किनारों को छूने आती हैं और लोगों को उत्साहित कर जाती हैं। प्रत्येक लहर अपने संग कविता का अहसास लेकर आती है .मन करता है बस यूँ ही बैठे रहें औरकविता के आनंद सी लहरों में मन भीगता रहे।
फोटोग्राफ्स-
१.बिटिया रेत पर पैरों के चिह्न छोड़कर लहरों का आनंद लेते हुए।
२ समुद्र किनारे परिवार के साथ कॉफ़ी ।
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