Wednesday, 8 February 2012

चिरैया / अशोक लव

चिरैया 
'''''''''''''''''अशोक लव 
नन्हीं चिरैया 
चोंच में तिनका दबाए
डोलती है इधर से उधर
उधर से इधर 
वृक्ष की फुनगियों पर .

एक ही दिन में नहीं सीख लिया था 
चिरैया ने गाना-झूमना 
उसने सीखा था पहले 
उड़ना 
अपने
पंखों से उड़ना .

वह नहीं चढ़ी फुनगियों पर
सीढ़ियों के सहारे 
इसीलिए मस्त गाती है
मस्त झूलती है 
मस्त झूमती है. 
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@अशोक लव ,पुस्तक-अनुभूतियों  की आहटें



Monday, 6 February 2012

बाज़ और अधिकार / अशोक लव

बाज़ों के पंजों में 
चिड़ियों का माँस देख 
नहीं छोड़ देती चिड़िया 
खुले आकाश की सीमाएँ नापना . 
उड़ती है चिड़िया 
गुँजा देती है
चहचहाटों से आकाश का कोना-कोना 
बाज़ चाहे जिस ग़लतफ़हमी में रहें 
चिड़िया नहीं छोड़ती 
आकाश पर अपना अधिकार !
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* अशोक लव -पुस्तक अनुभूतियों की आहटें