बाज़ों के पंजों में
चिड़ियों का माँस देख
खुले आकाश की सीमाएँ नापना .
उड़ती है चिड़िया
गुँजा देती है
चहचहाटों से आकाश का कोना-कोना
बाज़ चाहे जिस ग़लतफ़हमी में रहें
चिड़िया नहीं छोड़ती
आकाश पर अपना अधिकार !
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* अशोक लव -पुस्तक अनुभूतियों की आहटें
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