Saturday 30 October, 2010

शुक्रिया / अशोक लव

शुक्रिया कदमों से कदम मिलाने का 
मुश्किलों में  यहाँ तक साथ आने का  
लगता है कुछ दिन और जी लेंगे हम 
 इंतज़ार है वक्त के ठहर  जाने   का.
--अशोक लव

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