फरीदाबाद, जागरण संवाद केïद्र : संस्था 'सार्थक प्रयास' के तत्वावधान में रविवार को दशहरा मैदान स्थित मालवीय वाटिका में अशोक लव के काव्य संग्रह 'लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' पर चर्चा की गई। समारोह में संस्था के अध्यक्ष बोधराज कपूर, मुकेश गंभीर, रोशन लाल गेरा तथा एनएल गुसांई ने पुस्तक पर अपने विचार रखे।
बोधराज ने कहा कि पुस्तक की अधिकांश रचनाएं नारी के इर्द-गिर्द घूमती है.।
गुसांई ने कहा कि नारी-विमर्श पर सुंदर रचनाएं समाज को जगाती हैं । संग्रह में बंटवारे की त्रासदी पर आधारित कविताएं भी प्रभावित करती हैं. प्रेम व प्रकृति सौïदर्य पर लिखी रचनाएं संग्रह के आकर्षण को बढ़ाती हैं।
पुस्तक चर्चा के बाद आयोजित काव्य-गोष्ठी मेï ओम प्रकाश सागर ने कहा, 'तनहाइयोï मेï दर्द पिरोता हूं देर तक, तेरा ख्याल आए तो रोता हूं देर तक, हमदर्दियोï के साये सिमट जाएं जिस घड़ी, मैï अपने पास ऐसे मेï होता हूं देर तक।
गीतकार सतीश अग्रवाल ने गीत प्रस्तुत किया-कितनी मैली हवा हो गई, बेअसर हर दवा हो गई।
बदरपुर से आए कवि वीरेïद्र कमर ने भी गहरी छाप छोड़ी। उन्होïने सुनाया, 'वो मिरे शेर सुनकर बोलता है, कहां इनमेï सुखनवर बोलता है, वो मुझसे बात तो करता है अक्सर, मगर लहजा बदलकर बोलता है।'
सुरेïद्र सिंघल ने कहा, 'मैï उनके साथ रहा दर्द बांटने के लिए, वे मेरे साथ रहे वक्त काटने के लिए।'
इनके अलावा पारसनाथ बुलचंदानी, अजय अक्स, अब्दुल रहमान, अशोक वर्मा, एचके सिंघल, विजय शर्मा आसिफ जमाल, प्रकाश लखानी, इंदु गुप्ता, आरडी तिवारी, रश्मि सानन ने भी कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम मेï मोहयाल सभा तथा फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की विशेष भूमिका रही। धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की चेयरपर्सन डा.राधा नरुला, समाजसेवी बसंत गुलाटी, विजय शर्मा, पूर्व पार्षद एसी सेठी, मोहयाल सभा के अध्यक्ष रमेश दत्ता, सचिव बलराम दत्त भी मौजूद रहे।
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