Tuesday, 28 April 2009

' लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' में संवेदना और उत्कृष्ट लेखन शैली का आनंद मिला

Photo Harish:
अशोक जी
नमस्कार
भले ही आप इंडिया से बाहर हों लेकिन आपकी रचनाओं के मध्यम से आपको याद करता रहता हूँ । '
लड़कियाँ
छूना चाहती हैं आसमान ' पुस्तक पढ़ी .
सोच
रहा था कि कभी कभार कुछ कविताएँ पढ़ लिया करूंगा , लेकिन एक ही बैठक में पता ही नहीं चला कि कब पुस्तक कि अन्तिम रचना गई .
वर्षों
बाद किसी पुस्तक में इतनी संवेदना और उत्कृष्ट लेखन शैली का आनंद मिला .
पिछले
काफ़ी समय से कई पुस्तकों की समीक्षा करता रहा हूं , कुछ अब भी घर पर रखी हैं , लेकिन उनकी समीक्षा करने का मन नहीं करता , लगता है जैसे कविता में कुछ अच्छा तलाशना होगा .
ऐसी
तलाश किसी भी कृति के लिए शुभ संकेत नहीं होतामुझे जो चाहिए था वो बिना तलाशे आपकी पुस्तक में मिल गया
पुस्तक भेजने के लिए शुक्रिया नहीं कहूँगाइससे आपके मेरे बीच की सम्बंधात्मकता को चोट पहुँचेगी
इतनी बेहतर पुस्तक लिखने के लिए हार्दिक बधाई
अगली पुस्तक की प्रतीक्षा रहेगी ,

सादर ,
डॉ . हरीश अरोड़ा

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