Thursday, 3 December 2009

ऑरकुट : 'जी भाई साहब ' कविता पर कमेंट्स


Kavi Kulwant:
बाकी सब क्या कहें
कविता लिखना अलग बात है
ज़िंदगी जीना अलग बात है। "
,,.bahut khoob lazwab..
(ऑरकुट)

शेफाली पाण्डे:
बहुत सुन्दर ...
(ऑरकुट)

shyamal:

रचना के भाव ने प्रभावित किया अशोक भाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot .com

Jenny:
अशोक जी,
प्रणाम! आपकी ये कविता ''जी भाई साहब'' बिल्कुल अलग अंदाज़ में है, लेकिन इसमें भी समाज के सच का हीं एक रूप है, हमेशा की तरह कुशल लेखन|

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