"दोस्ती का हक हम यूँ अदा करते हैं,
दोस्त के नाम पर जान फ़िदा करते हैं।
तुम्हें फूल का ज़ख़्म भी न आने पाए ,
अल्लाह से यह दुआ करते हैं ।।"
विजय दत्ता रहेजा जी वाह क्या बात कही है! आज की ज़िंदगी में इन भावनाओं को जीने वाले बहुत कम हैं।"हम हमेशा उनकी तारीफ करते हैं ,
जो अपने से ज्यादा दूसरों से प्यार करते हैं ।
अल्लाह आपको ऐसा बनाए रखें ,
हम हमेशा यही दुआ करते हैं। "-अशोक लव
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