Monday, 17 October 2011

समय के अनुसार परिवर्तन

भवत्यधर्मो धर्मो हि धर्माधर्मावुभावपि ।
कारणाद्देशकालस्य देशकाल: तादृश: ॥

-- देशकाल का ऐसा प्रभाव होता है कि एक ही काम एक समय में धर्म हो सकता है और वही समय बदलने पर अधर्म भी बन सकता है.-महाभारत (शांतिपर्व-- 79/31 )

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