|
-अशोक लव
साहित्य, समाज, किसान और मीडिया विषयों पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य-अतिथि सुशीला मोहनका इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका से विशेष रूप से आईं थीं. परिचर्चा का आरंभ करते हुए उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका में ‘ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति’ के द्वारा हिंदी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में तीस वर्षों से कार्य कर रही हों. हमें भारत में भी हिंदी के प्रति उचित धारणा बनानी चाहिए. अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए बच्चों और युवाओं को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्साहित करना चाहिए.
वरिष्ठ पत्रकार और ‘द्वारका परिचय’ के प्रबंध संपादक एस.एस. डोगरा ने विशिष्ट-अतिथि के रूप में मीडिया की भूमिका पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज मीडिया समाज के सभी क्षेत्रों के लिए सशक्त माध्यम बन चुका है. मीडिया सामाजिक सोच को प्रभावित करता है. प्रिंट मीडिया हो या इलैक्ट्रोनिक दोनों की अहम भूमिका है. इस स्थिति में मीडियाकर्मियों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. उन्होंने इस प्रकार की महत्त्वपूर्ण गोष्ठी आयोजित करने के लिए अशोक लव तथा चंद्रमणि ब्रह्मदत्त का धन्यवाद किया. उन्होंने हिंदी पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति पर भी अपने विचार रखे.
विशिष्ट-अतिथि मनीष आजाद ‘रेडियोवाला’ जो एफ.एम. चैनल के उदघोषक हैं, उन्होंने मीडिया के रूप में रेडियो की भूमिका और हिंदी भाषा के महत्त्व पर बोलते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि व्यवसायिक रूप में वे हिंदी भाषा के साथ सीधे जुड़े हुए हैं. हिंदी हमारे मन की भाषा है. विशिष्ट-अतिथि अरविंद पथिक ने किसानों और साहित्य के संबंधों पर बोलते हुए कहा कि हिंदी साहित्य में ग्रामीण परिवेश पर हज़ारों रचनाएँ लिखी गई हैं. किसानों की दशा-दुर्दशा पर आज भी खूब लेखन हो रहा है. इससे सामाजिक सोच बदली है.
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार अशोक लव और अतिथियों ने ‘सुखद सुनहरी धूप’ (काव्य-संग्रह,अनिल उपाध्याय), आशा की किरणें (लघुकथा-संग्रह,सत्यप्रकाश भारद्वाज), लालसा(काव्य-संग्रह, वीरेंद्र कुमार मंसोत्रा), शब्दों की उड़ान(काव्य-संग्रह,मुकेश निरूला), मेरी कहानी मेरी जुबानी (संपादक-सत्यप्रकाश भारद्वाज) पुस्तकों का लोकार्पण किया. शीघ्र प्रकाशित होने वाले ग्यारह कवियों के संग्रह ‘हथेलियों पर उतरा सूर्य’ (संपादक-अशोक लव,सत्यप्रकाश भारद्वाज)के कवर और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति अमेरिका की पत्रिका ‘विश्वा’ का भी लोकार्पण किया गया. समारोह का कुशल संचालन युवा कवि आशीष श्रीवास्तव ने किया. दोनों संस्थाओं की और से उ
|
Monday, 23 January 2017
" हिंदी भाषा और साहित्य में भारत की आत्मा के दर्शन " -अशोक लव
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment