Wednesday 10 June, 2009

बस इतनी -सा अस्तित्व है / अशोक लव

विशाल समुद्र है पीछे
और सामने
ऊँचे-ऊँचे पर्वत ,
पर्वतों को आलिंगन में भर लेने को लालायित
बादलों का उमड़ - घुमड़ कर आगमन ।

कितना छोटा - सा होता है अस्तित्व
मनुष्य का
प्रकृति के सम्मुख .
.............................................
* सेंटा बारबरा , कैलिफोर्निया ,शनिवार 6 जून 2009

No comments: