Monday 23 November, 2009

डॉ चन्द्रमणी ब्रह्मदत्त का पत्र

नारायणी साहित्य अकादमी
पंजीकृत कार्यालय : 220, सेक्टर- 18 ,वीर आवास, द्वारका , नई दिल्ली
पत्राचार कार्यालय : 12/ 109 डी, गीता कालोनी , नई दिल्ली-110031
______________________________________________________________________________________
संरक्षक : प्रो नामवर सिंह -9811210285, अध्यक्ष : डॉ चन्द्रमणी ब्रह्मदत्त-9311447793,9818182201,सचिव :डॉ पुष्प सिंह ' विसेन '-9873338623
______________________________________________________________________________________
पत्र सं / 428 /एन एस / ऑफिस/12 नवम्बर / नई दिल्ली

सेवा में
परम आदरणीय
श्री अशोक लव जी
सादर नमस्कार,
माननीय
आपकी ' खिड़कियों पर टंगे लोग ' कृति को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। माननीया सुषमा भंडारी जी से उपरोक्त कृति मिली जिसमें आपकी बात एवं लघुकथाएँ पढ़ने का मौका मिला। ' सबूत गवाह ' , 'राजनीति बाला', 'बस बलात्कार' , 'औकात', तमाम रचनाएँ धरातल पर रची बसी हैं और आम जन मानस का चित्र प्रस्तुत करती हैं। एवं वर्तमान समाज एवं व्यवस्था का सही मूल्यांकन करती हैं। आपने निःसंदेह एक पुस्तक में वह सामग्री पाठकों को देने का प्रयास किया है जो वर्तमान में कम मिलता है। एवं नए एवं पुराने साहित्यकारों को एक साथ , एक रूप में माला में पुरो दिया है। बधाई स्वीकार करें। नारायणी साहित्य अकादमी आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।
शुभकामनाओं के साथ
आपका
डॉ चन्द्रमणी ब्रह्मदत्त
चेयरमैन
नारायणी साहित्य अकादमी
नई दिल्ली

No comments: