Wednesday 14 July, 2010

कुछ दो वक्त की रोटी को तरसते हैं इस देश में
कुछ एक झटके में दो सौ करोड़ कमाते हैं।
देश को रखकर जेब में बैठे हैं कुर्सियों पर
पसीने में नहाए लोग गलियों में बैठे हैं।

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