अशोक लव
Wednesday, 14 July 2010
कुछ
दो
वक्त
की
रोटी
को
तरसते
हैं
इस
देश
में
कुछ
एक
झटके
में
दो
सौ
करोड़
कमाते
हैं।
देश
को
रखकर
जेब
में
बैठे
हैं
कुर्सियों
पर
पसीने
में
नहाए
लोग
गलियों
में
बैठे
हैं।
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