Sunday, 14 September 2008

मधुर गीतकार श्रवण राही :स्मृतियाँ

१३ सितम्बर २००८ को साहित्य अकादमी सभागार (नई दिल्ली ) में " सुपथगा " संस्था की ओर से स्वर्गीय श्रवण राही की स्मृति में "काव्य - रसधार " कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ शेरजंग गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मेरे अतिरिक्त लक्ष्मी शंकर वाजपई और असीम शुक्ल मुख्य वक्ता थे। श्रीमती ममता किरण, डॉ श्याम निर्मम, राजगोपाल सिंह , डॉ राजेंद्र गौतम और सुरेश यादव ने कवि के रूप में भाग लिया। नरेन्द्र लाहड़ ,महासचिव -सुपथगा और दुष्यंत राही (सुपुत्र स्व.श्रवण राही ) ने समारोह का आयोजन किया । इस अवसर पर सुपथगा का " श्रवण राही विशेषांक" फोल्डर रूप में प्रकाशित किया गया जिसका लोकार्पण मुख्य - अतिथि डॉ परमानन्द पांचाल ने किया।वरिष्ट कवि सत्यनारायाण एवं डॉ नरेन्द्र व्यास विशिष्ट - अतिथि थे ।

विनोद बब्बर (सं -राष्ट्र किंकर ), आरिफ जमाल (सं- न्यू ऑब्ज़र्वर पोस्ट), किशोर श्रीवास्तव ( सं -हम सब साथ - साथ), ॐ सपरा ( साहित्य सं - मित्र संगम पत्रिका) , जगदीश त्रयम्बक (सं- राष्ट्रीय लोकमानस ), सुषमा भंडारी ,मनोहर लाल रत्नम, परवेज़ ,सत्यदेव हरयाणवी , मुसाफिर देहलवी, काका , चिराग जैन, शंभू शेखर ,जीतेन्द्र आदि साहित्यकारों और पत्रकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।
सबने स्व श्रवण राही के प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।*
* स्व श्रवण राही पर संस्मरण शीघ्र .

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