Thursday 25 September, 2008

मोहयालों का इतिहास

मोहयाल ब्राहमण योद्धा ब्राहमणों के रूप में प्रसिद्ध हैं । अफगानिस्तान , अविभाजित भारत के पकिस्तान में चले गए अनेक भागों, जम्मू , कश्मीर और अविभाजित पंजाब (पाकिस्तान में चला गया पंजाब, वर्तमान पंजाब ,हिमाचल प्रदेश,हरयाणा,दिल्ली ) में इनका शासन था। मोहयाल रामायण काल में महाराजा दशरथ के कुल-गुरु ऋषि वशिष्ठ , भृगु ऋषि के वंशज योद्धा-ब्राहमण परशुराम ; महाभारत - काल में गुरु द्रोणाचार्य आदि को अपने पूर्वज मानते हैं।
मोहयालों की सात जातियाँ हैं--बाली ( गोत्र पाराशर , ऋषि पराशर के वंशज) ; भीमवाल ( गोत्र कौशल ,कौशल ऋषि के वंशज) ; छिब्बर (गोत्र भृगु /भार्गव ,भृगु ऋषि के वंशज ) ; दत्त (दत्ता) (गोत्र भारद्वाज , भरद्वाज ऋषि के वंशज ) ; लौ (लव) (गोत्र वशिष्ठ,वशिष्ठ ऋषि के वंशज) ; मोहन ( गोत्र कश्यप ,स्त्रक्च्य स्त्रक्य के वंशज ) ; वैद ( वैद्य ) (गोत्र भारद्वाज , धनवंतरी के वंशज ) ।
मोहयालों के इतिहास पर उर्दू और इंगलिश में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं । हिस्ट्री ऑफ़ दी मुहियाल्स ( लेखक -टी पी रुसेल stracy )

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