नन्हीं चिरैया
चोंच में तिनका दबाये
डोलती है
इधर से उधर
उधर से इधर
वृक्ष की फुनगियों पर।
एक ही दिन में नहीं सीख लिया था
चिरैया ने गाना-झूमना
उसने सीखा था पहले
उड़ना
अपने पंखों से उड़ना ।
वह नहीं चढी फुनगियों पर
सीढियों के सहारे
इसीलिये मस्त गाती है
झूलती है
झूमती है।
( पुस्तक: अनुभूतियों की आहटें)
चोंच में तिनका दबाये
डोलती है
इधर से उधर
उधर से इधर
वृक्ष की फुनगियों पर।
एक ही दिन में नहीं सीख लिया था
चिरैया ने गाना-झूमना
उसने सीखा था पहले
उड़ना
अपने पंखों से उड़ना ।
वह नहीं चढी फुनगियों पर
सीढियों के सहारे
इसीलिये मस्त गाती है
झूलती है
झूमती है।
( पुस्तक: अनुभूतियों की आहटें)
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