तुम / * अशोक लव
तुम ज्यों अन्तिम पहर का स्वप्न ज्यों कमल पंखुडी पर तुहिन - कण ज्यों वर्षा धुले आकाश पर इन्द्रधनुष ज्यों तितलियों के पंखों पर अंकित गीत ज्यों जल-तरंगो पर रश्मियों की अठखेलियाँ ज्यों मानसरोवर में उतरना हंसों का
ज्यों गंगा का भागीरथ हेतु अवतरण ज्यों शुष्क चट्टानों पर रुई के फाहों सा हिमपात ज्यों भोज - पत्रों पर अंकित ऋचाएं ज्यों साधक मन में आलोकित दिव्य - प्रकाश। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~* पुस्तक - अनुभूतियों की आहटें
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